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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

बुधवार, 5 अगस्त 2020

अवध

मथुरा काशी वृन्दा वासी 
राम हमारे अवध के वासी 
चित्रकूट की छँटा मनोहर 
वृन्दावन कृष्णा जी विराजे 
जगत के दाता भाग्य विधाता 
प्रभु मेरे कण -कण में विराजे 

मथुरा काशी वृन्दा वासी 
राम हमारे अवध के वासी
आज प्रभु पावन दिन आया 
अवध पूरी में गूंज राम की 
दीपोत्सव और होली संग - संग 
आज मानते अवध के वासी

मथुरा काशी वृन्दा वासी 
राम हमारे अवध के वासी 
देश हमारा झूम रहा है 
नृत्य के थाप पर घूम रहा  है 
आज राम घर आयो अवध में 
कैसी  ख़ुशी फिर छाई अवध में 


मथुरा काशी वृन्दा वासी 
राम हमारे अवध के वासी 
फिर जीवन लौट आई अवध में 
कैसी ख़ुशी फिर छाई अवध में।  
 

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