राम हमारे अवध के वासी
चित्रकूट की छँटा मनोहर
वृन्दावन कृष्णा जी विराजे
जगत के दाता भाग्य विधाता
प्रभु मेरे कण -कण में विराजे
मथुरा काशी वृन्दा वासी
राम हमारे अवध के वासी
आज प्रभु पावन दिन आया
अवध पूरी में गूंज राम की
दीपोत्सव और होली संग - संग
आज मानते अवध के वासी
राम हमारे अवध के वासी
देश हमारा झूम रहा है
नृत्य के थाप पर घूम रहा है
आज राम घर आयो अवध में
कैसी ख़ुशी फिर छाई अवध में
मथुरा काशी वृन्दा वासी
राम हमारे अवध के वासी
फिर जीवन लौट आई अवध में
कैसी ख़ुशी फिर छाई अवध में।
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