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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

मंगलवार, 23 सितंबर 2025

मेरे बच्चों

मेरे बच्चों पढ़ते जाओ 

आगे -आगे बढ़ते जाओ 

विद्या का वरदान मिलेगा 

गुरु से विद्या दान मिलेगा 

कदम - कदम पर साथ मिलेगा 

गुरु का सर पर हाथ मिलेगा 

आसमान पर चढ़ते जाओ 

आगे -आगे बढ़ते जाओ 

खुशियों का संसार बसाओ 

मेरे बच्चों पढ़ते जाओ

आगे -आगे बढ़ते जाओ। 

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