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गुरुवार, 19 सितंबर 2019

हम और तुम

डगर पे निगाहें टिकाए रखेंगे
अभी हौसला हैं लुटाते रहेंगे
तुम्हे जंग जब प्रेम से हो गयी है 
पर हम प्रेम सब पर लुटाते रहेंगे
तुम्हे तोड़ना है तो तोड़ो
मगर प्रेम से मैं जुटाती रहूंगी
तेरी साजिशों को बेपर्दा करुँगी
तुम्हे जानेमन सबसे रुसवा करुँगी
न सोचो कि कमज़ोर हम पर गए है
हमें वक्त पर अपना मौका मिलेगा
तुम्हे दर्द का और तौहफा मिलेगा
कहाँ फूल शबनम सितारा मिलेगा
गम आसुओं का सहारा मिलेगा
किसी के भी दिल का जो सौदा करोगे
सुकूं से कभी जी न पाओगे तुम भी
हमें लांघना है ख़ुशी का समंदर
परे तुम रहो दरिया गम के किनारे
जहां हम रहे फूल खुशियों के खिलते
तुम तो आसुओं का पिटारा बनोगे.

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