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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

शनिवार, 23 जनवरी 2021

बिल्ली मौसी

चुहिया बोली बिल्ली मौसी
क्यों तुम मुझको रोज डराती

तुम हो सबकी प्यारी मौसी 
फिर क्यों मुझको आँख दिखाती 

बन जाओ मेरी मौसी भी 
दोनों मिलकर मज़े करेंगे 

बैठ रसोई में हम दोनों 
दूध  मिठाई  फल को चखेंगे 

हम दोनों की जोड़ी मिलकर 
रोज नए कुछ काम करेंगे।  

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