मेरी कविता, मेरी अभिव्यक्ति
आँखों में सपने थे ढेरो अरमान थे दिल में कुछ अलग करने की हमने भी ठानी थी सपने बड़े बड़े थे पर साधन बहुत सीमित थे मंज़िल आँखों के सामने थी ...
बहुत सुन्दर बाल रचना
हौसला बढ़ाने के लिए आपका बहूत - बहूत धन्यबाद
वाह😅
thanks sir
बहुत सुन्दर बाल रचना
जवाब देंहटाएंहौसला बढ़ाने के लिए आपका बहूत - बहूत धन्यबाद
हटाएंवाह😅
जवाब देंहटाएंthanks sir
हटाएं