मेरी कविता, मेरी अभिव्यक्ति
हमको बुलाये ए हरियाली ए पहाड़ के आँचल हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल कभी दूर तो कभी पास ए करते रहे ठिठोली भोर - सांझ ये आते जाते होठों...
बहुत सुन्दर बाल रचना
हौसला बढ़ाने के लिए आपका बहूत - बहूत धन्यबाद
वाह😅
thanks sir
बहुत सुन्दर बाल रचना
जवाब देंहटाएंहौसला बढ़ाने के लिए आपका बहूत - बहूत धन्यबाद
हटाएंवाह😅
जवाब देंहटाएंthanks sir
हटाएं