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प्रियतम

हे प्रियतम तुम रूठी क्यों  है कठिन बहुत पीड़ा सहना  इस कठिन घड़ी से जो गुज़रा  निःशब्द अश्रु धारा बनकर  मन की पीड़ा बह निकली तब  है शब्द कहाँ कु...

शनिवार, 23 जनवरी 2021

बिल्ली मौसी

चुहिया बोली बिल्ली मौसी
क्यों तुम मुझको रोज डराती

तुम हो सबकी प्यारी मौसी 
फिर क्यों मुझको आँख दिखाती 

बन जाओ मेरी मौसी भी 
दोनों मिलकर मज़े करेंगे 

बैठ रसोई में हम दोनों 
दूध  मिठाई  फल को चखेंगे 

हम दोनों की जोड़ी मिलकर 
रोज नए कुछ काम करेंगे।  

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