ऐ जो गम है मेरे हमसफ़र है मेरे
खुशियाँ छूट जाये पर ऐ छूटे भूल से ना
जिनसे थी उम्मीद मुझे
उनसे ही सबसे ना उम्मीद हो गए
मेरे गम ने जो मुझे आईना दिखाया
हम खुद से ही बेनकाब हो गए
सच साबित न कर सके हम कभी
झूठ के आगे ही बेज़ुबान जितना मुझे
आज अपनी आँसुओं से दूर उतने हो गए।
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