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शनिवार, 6 जनवरी 2024

बढे चलो

बढे चलो बढे चलो 

दूर नहीं है मंज़िल 

कुछ ख़ास नहीं है मुश्किल 

राह पथरीले ज़रूर है 

पर इतनी भी मुश्किल नहीं 

सफर आसान हो जायेगा 

जब चेहरे पर मुस्कान आएगा 

अपने में हौसला रखना सीख लो 

बढे चलो रास्ता मुश्किल ही सही 

मंज़िल तक जाती तो है 

सपनो में  रंग भरना है तो 

संभलकर चलना ही पड़ेगा 

मुश्किलें आसान हो जाती है 

जब इरादे पक्के हो। 

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 08 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह! बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति..।

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह! बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति..।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत खूब।

    मुश्किलें आसान हो जाती है
    जब इरादे पक्के हो।

    जवाब देंहटाएं