बढे चलो बढे चलो
दूर नहीं है मंज़िल
कुछ ख़ास नहीं है मुश्किल
राह पथरीले ज़रूर है
पर इतनी भी मुश्किल नहीं
सफर आसान हो जायेगा
जब चेहरे पर मुस्कान आएगा
अपने में हौसला रखना सीख लो
बढे चलो रास्ता मुश्किल ही सही
मंज़िल तक जाती तो है
सपनो में रंग भरना है तो
संभलकर चलना ही पड़ेगा
मुश्किलें आसान हो जाती है
जब इरादे पक्के हो।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 08 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !!
हटाएंवाह! बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति..।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !!
हटाएंवाह! बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति..।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब।
जवाब देंहटाएंमुश्किलें आसान हो जाती है
जब इरादे पक्के हो।
धन्यवाद !!
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