यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

प्रियतम

हे प्रियतम तुम रूठी क्यों  है कठिन बहुत पीड़ा सहना  इस कठिन घड़ी से जो गुज़रा  निःशब्द अश्रु धारा बनकर  मन की पीड़ा बह निकली तब  है शब्द कहाँ कु...

बुधवार, 23 सितंबर 2020

राही

है रुकना अपना काम नहीं
तुम चलो अभी विश्राम नही
मंजिल अपनी है दूर सहि 
जीवन अपना पैगाम बना 
चलो हमें चलते रहना है 
थकने का कोई काम नहीं 
जीवन है पग- पग चलने में 
गिरने और सँभलने में 
राहों के कंकर चुनने में 
है खुद की राह बनाने में 
जीवन में  कुछ कर जाने में 
या कुछ करके मिट जाने में 
झुकने में अपनी शान नहीं 
रुकने में अपनी आन   नहीं
आये तूफान तो आने दो 
हमको झकझोड़ के जाने दो 
गिरने का अपना काम नहीं 
रुकने का अब कोई प्राये  नहीं  
गर हार मानकर बैठ गए तो
अपनी कोई पहचान नहीं 
तुम चलो अभी  विश्राम नहीं। 

2 टिप्‍पणियां: