तुम चलो अभी विश्राम नही
मंजिल अपनी है दूर सहि
जीवन अपना पैगाम बना
चलो हमें चलते रहना है
थकने का कोई काम नहीं
जीवन है पग- पग चलने में
गिरने और सँभलने में
राहों के कंकर चुनने में
है खुद की राह बनाने में
जीवन में कुछ कर जाने में
या कुछ करके मिट जाने में
झुकने में अपनी शान नहीं
रुकने में अपनी आन नहीं
आये तूफान तो आने दो
हमको झकझोड़ के जाने दो
गिरने का अपना काम नहीं
रुकने का अब कोई प्राये नहीं
गर हार मानकर बैठ गए तो
अपनी कोई पहचान नहीं
तुम चलो अभी विश्राम नहीं।
विश्राम सही आन
जवाब देंहटाएंसुन्दर
sushil ji thanks a lot
जवाब देंहटाएं