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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

शनिवार, 5 सितंबर 2020

माँ भारती

भारत माँ के लाल तुझे
सत् कोटि नमन करती हूँ
तू जिए हजारो साल 
तुझे सत् कोटि नमन करती हूँ 
अपनी भी धड़कन तुझको 
मैं आज समर्पित करती हूँ 
आ जाऊं माँ के काम 
ये अर्ज सदा करती हूँ 
भारत माँ के लाल तुझे 
सत् कोटि नमन करती हूँ
तुम आये माँ के काम
तुझे सत् कोटि नमन करती हूँ.

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