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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

गुरुवार, 5 नवंबर 2020

किसान

किसान बनना आसन नहीं 
पूरे  जगत का पेट भरना
कोई छोटा सा काम नहीं
सबके चेहरे पर हंसी बिखेरना 
सबका हो पेट भरा चिंता न हो कलह की 
ऐसा मुकाम पाना आसन नहीं 

किसान बनना आसन नहीं 
धुप हो या गर्मी हर मौसम में 
घर के बाहर हर मौसम में 
बाहर काम करना 
आसान नहीं है 
मौसम से बार - बार लड़ना 

किसान बनना आसन नहीं 
बाढ़ सुखार हो या ओला वृष्टि 
हर वॉर किसान को है झेलना 
तो कभी टिड्डियों का प्रहार 
धैर्य बनाकर साहस के संग 
हर मौसम को झेलना . .....



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