तुम हो सारे जगत की रानी
सुबह सवेरे उठ जाती हो
ना जाने क्या - क्या गाती हो
सबके मन को तुम भाती हो
तुम हो सारे जगत की रानी
हो बच्चा या बूढी अम्मा
सोंच - सोंच सब चकराते हैं
क्या तुमको पढ़ना - लिखना है
या फिर कोई ऑफिस करना है
तुम हो सारे जगत की रानी
क्यों फिर तुम जल्दी उठती हो
सुबह सवेरे क्या करती हो
क्या गा कर तुम नहीं थकती हो
जाने क्या - क्या तुम करती हो।
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