मेरे तिरंगे की पहचान है तू
रुके न तू थके न तू
झुके न तू थमे न तू
मेरे देश का अरमान है तू
तेरे क़दमों में निशार सारी दुनिया
मेरे हर जज्बात की पहचान है तू
हर घर में जले दिया बनकर तू
हर दिल में बसे बनकर शहीद
मेरी आन बान शान है तू
मेरे तिरंगे की पहचान है तू
मेरे तिरंगे की पहचान है तू
दुनिया सैनिक कहती है तुझे
पर मेरे दिल में तो तू
मेरे हर धरकन का एहसास है तू।
प्रेरक ।
जवाब देंहटाएंthanks mam
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 19 नवंबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंthanks sir
जवाब देंहटाएंलाजवाब।
जवाब देंहटाएंजय हिन्द 🇮🇳
thanks sir
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर उद्गार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर उद्गार
जवाब देंहटाएंthanks
हटाएंनिशब्द करते सपष्ट भाव
जवाब देंहटाएंआपका बहुत - बहुत आभार
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