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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

मंगलवार, 17 नवंबर 2020

वीर जवान

मेरी आन बान शान है तू
मेरे तिरंगे की पहचान है तू
रुके न तू थके न तू 
झुके न तू थमे न तू 
मेरे देश का अरमान है तू 

तेरे क़दमों में निशार सारी दुनिया 
मेरे हर जज्बात की पहचान है तू 
हर घर में जले दिया बनकर तू 
हर दिल में बसे  बनकर शहीद 

मेरी आन बान शान है तू 
मेरे तिरंगे की पहचान है तू
दुनिया सैनिक कहती है तुझे 
पर मेरे दिल में तो तू 
मेरे हर धरकन का एहसास है तू। 

12 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 19 नवंबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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