यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

पापा

पापा मेरे सपनों का वो प्रतिबिम्ब है  जो हमारे हर सपने को पूरा करते है  हमारी हर जिज्ञासा को पूरा करते है  हमारे लड़खड़ाते कदम को हाथों से संभा...

सोमवार, 2 नवंबर 2020

मोटू राम

गोल  मटोल मोटू राम
चलते हैं वो पेट निकाल
चलते - चलते थक जाते हैं 
बैठ छांव में ठंढाते हैं  
घड़ी - घड़ी वो शर्माते हैं 

गोल  मटोल मोटू राम 
हाथ में हरदम थाली खाने की 
थाली में हो ढेर मिठाई 
वो है खाने के शौकीन 
तोंद निकल गई मोटू राम की 

गोल  मटोल मोटू राम 
पहन के चश्मा गोल - मटोल 
चल देते हैं मोटू राम 
बांध घड़ी वो ठुमक के चलते 


गोल  मटोल मोटू राम 
मस्त गली में आते - जाते 
हंसी ठिठोली सब दे करते 
हर घर में है आना - जाना 
है कमल के मोटू राम।  


 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें