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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2020

मेरा स्कूल

मुझको भाया मेरा स्कूल
कितना सुन्दर कितना प्यारा
प्यारे - प्यारे  फूलों वाला 
फूल सुहाने सबको भाते 
हम बच्चों को ललचाते हैं 
पर माली हमको धमकाता 
दूर रहो इसको मत छूना 
वरना पड़ेगी खूब पिटाई 
पर हम बच्चे है शैतान 
आते सब टोली में मिलकर 
इधर - उधर की बातों में 
माली काका को बहकाते 
चुपके से कुछ फूल चुराते 
माली काका जब हमें भगाते 
जोड़ -जोड़ से हँसते हम सब 
वो थककर बैठ जब जाते 
हम सब मिलकर पानी लाते 
काका को शौरी कहकर 
फिर से उनको बहलाते।  

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