खुलकर जी लेने दो सबको
सपने सिर्फ देखना ही नहीं
जीना भी सीख लो उसको
सिर्फ सपना देखना ही
अपना उद्देश्य नहीं
जब सुख को हमने जिया
तो दुःख को भी झेलना सीखेंगे
गम के बादल छंट जाने दो
खुशियाँ खुलकर आएँगी
हम गीत ख़ुशी के गायेंगे
आँखों से बहते नीरों को
मोती में ढलते पाएंगे
गम काट लिए जिन वीरों ने
खुशियाँ उनकी अनमोल हुई
उन कर्मविरों कि भूमि से है
है भरा परा यह देश हमारा
फिर क्यों भटके
तुम युवा आज के
देखो अपने पुरखो को
हिम्मत खुद ही बांध जाएगी
है बलिदानी कथा हमारी
है पुण्य भूमि यह देश मेरा
जीवन कठिनाई में जीकर
निखरी है अच्छाई मेरी
एहसास सभी अपने है
वो खास सभी सपने है
जिन पर गौरव यह देश करे
जिनपर अभिमान मैं स्वयं करूँ . ....
है बलिदानी कथा हमारी
जवाब देंहटाएंहै पुण्य भूमि यह देश मेरा
जीवन कठिनाई में जीकर
निखरी है अच्छाई मेरी
एहसास सभी अपने है
वो खास सभी सपने है
जिन पर गौरव यह देश करे
जिनपर अभिमान मैं स्वयं करूँ . ....\
...बहुत अच्छी प्रस्तुति
thanks mam
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