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मंगलवार, 13 अक्तूबर 2020

दीपक

मैं दीपक हूँ दीपक बनकर
जगमग जग कर जाऊँ
राह सभी को दिखलाऊँ
सबको मंजिल पर पहुँचाऊँ

मैं दीपक हूँ दीपक बनकर
जगमग जग कर जाऊँ
जुगनू से है प्रेम हमारा 
अन्धकार से बैर हमारा 

मैं दीपक हूँ दीपक बनकर 
जगमग जग कर जाऊँ
पूजा की थाली में सजकर 
दिव्या प्रेम वरषाऊँ

मैं दीपक हूँ दीपक बनकर 
जगमग जग कर जाऊँ
अंधकार की तिमिर घटा में 
भी जग को हरसाउ 

मैं दीप हूँ दीकपक बनकर 
जगमग जग कर जाऊँ
दीपोत्सव से दूर सभी 
अंधीयारा कर जाऊं 

मैं दीप हूँ दीकपक बनकर 
जगमग जग कर जाऊँ 

 


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