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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

सोमवार, 18 दिसंबर 2023

बन्नो रानी

बन्नो रानी तू मत कुछ बोल 
तेरे चेहरे ने खोल दिया पोल 
शर्म से हो गयी तू गोल-मोल-रोल 

बन्नो रानी तू मत कुछ बोल
तेरे नयनों ने खोल दिया पोल 
तेरे आँखों में सपनो की रोल 
पिया जो मनमोहन है। 

बन्नो रानी तू मत कुछ बोल 
तेरे कंगन ने खोल दिया पोल 
खनकती कंगन ऐ व्याकुल होए 
साजन कब आएंगे आँगन मोरे 

बन्नो रानी तू मत कुछ बोल 
तेरे पाजेब ने खोल दिया पोल 
छम-छम बाजे ऐ पाजेब 
जहां भी जाए ऐ बन्नो रानी। 

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