आज के इस दौर में बचपन जैसे खो सा गया है
खोता बचपन दोषी कौन
घुटता बचपन दोषी कौन
आज के माहौल में बच्चों का दुश्मन कौन
इन मासूम बच्चों के जीवन का
सबसे बड़ा अपराधी कौन
सब मौन है सब है खामोश
बचपन दम तोड़ रही है
हर तीसरा बच्चा गूंगा-बहरा और स्पेशल है
इस माहौल का ज़िम्मेदार कौन
हर बच्चा अकेलेपन का है शिकार
मायूस होती उनकी हंसती खेलती ज़िन्दगी
कौन सुने उनकी इच्छाएं
दादी-दादा के पास टाइम नहीं
मम्मी-पापा मजबूर है
नानी-नाना के सर पर ही सारा बोझ है।
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