मेरी कविता, मेरी अभिव्यक्ति
हमको बुलाये ए हरियाली ए पहाड़ के आँचल हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल कभी दूर तो कभी पास ए करते रहे ठिठोली भोर - सांझ ये आते जाते होठों...
सब फूलों में सुन्दर फूल
फूल गुलाब है सुन्दर फूल
लाल-पीला काला-नीला
हर रंगों में मिले ये फूल
बिछड़ों को भी खूब मिलाये
रूठों को भी दोस्त बनाये
उदास चेहरे पर ख़ुशी लाये।
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