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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

शनिवार, 22 अप्रैल 2017

सम्यक् कर्म

“सभी के कार्य पवित्र होने चाहिए. पवित्र कार्यों के माध्यम से मनुष्य अपने मानवत्व को प्रकाशित करता हैं. मानवत्व के मार्ग को समझ सकता हैं.”

“भगवान बुद्ध ने कार्य के तीन नियम बनाए. हाथ अच्छे काम करे. सत्य कंठ का भूषण हैं. पवित्र कथाओं को सुनना कान का आभूषण हैं.”


-    सत्य साईबाबा 

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