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तुम से तुम तक

इस ज़िन्दगी की गीत में  नीत नए संगीत में  हर घड़ी हर लम्हे में  मेरी साँसों में मेरी धड़कन में  हर जगह तुम साथ हो  बीते 27 वर्षों में  आदत तुम्...

सोमवार, 3 अप्रैल 2017

नयी सुबह

आज सुबह जब नींद खुली तो, ऐसा लगा
जैसे फूलों का ख्वाब
जैसे सपनो की रात
जैसे जीवन की बात
जैसे उलझन हो साथ
जैसे मन हो उदास
जैसे सूरज की बात
जैसे पहली किरण
जैसे मन का हिरण
जैसे लागी लगन
जैसे तुमसे मिलन
जैसे चिड़ियों के कलरव से जागा ये मन
जैसे वर्षो से स्वप्न से जागी हूँ आज!

आज सुबह जब नींद खुली तो
परिवर्तन कुछ खास दिखा
सुबह-सवेरे चहल पहल थी
हर मुख पे मुस्कान दिखी
सुबह सुहानी, शाम निराली
मौसम में अजब खुमार दिखा
साफ सफाई की बातें अब
लोगों की दिनचर्या हैं
ऑफिस में भी बाबू अब
काम के लिए तैयार दिखे
हेलो हाय से दूरी थी

बस राम-राम का नाम दिखा!!

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