यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

बच्चों

“बच्चों के चरित्र निर्माण में पिता से माता की ज़िम्मेदारी अधिक होती हैं!!”


-    माता जीजाबाई

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें