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प्रियतम

हे प्रियतम तुम रूठी क्यों  है कठिन बहुत पीड़ा सहना  इस कठिन घड़ी से जो गुज़रा  निःशब्द अश्रु धारा बनकर  मन की पीड़ा बह निकली तब  है शब्द कहाँ कु...

शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

बच्चों

“बच्चों के चरित्र निर्माण में पिता से माता की ज़िम्मेदारी अधिक होती हैं!!”


-    माता जीजाबाई

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