मेरी कविता, मेरी अभिव्यक्ति
पापा मेरे सपनों का वो प्रतिबिम्ब है जो हमारे हर सपने को पूरा करते है हमारी हर जिज्ञासा को पूरा करते है हमारे लड़खड़ाते कदम को हाथों से संभा...
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