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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

गुरुवार, 4 मई 2017

ईश्वर

“तुम मुझे देख नहीं सकते हो,
      पर मैं वह ज्योति हूँ जिसके द्वारा तुम देखते हो.
तुम मुझे सुन नहीं सकते हो,
      पर मैं वह ध्वनि हूं जिसके द्वारा तुम सुनते हो.
तुम मुझे जान नहीं सकते हो,
      पर मैं वह सत्य हूँ जिसके द्वारा तुम जीते हो.”


-    सत्य साईबाबा 

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