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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

रविवार, 21 मई 2017

आनंद

आनंद हो तुम आनंद रहो
आनंद हो तेरा हर सपना
आनंद हो तेरा घर अपना
आनंद से तुम आनंद चले
आनंद पे फिर तुम आ पहुंचे
आनंद हो जीवन का सपना.

आनंद हो तुम आनंद रहो
आनंद हो तेरा हर रिश्ता
आनंद से सुबहो-शाम ढले
आनंद से हर दिन-रात कटे.

आनंद हो तुम आनंद रहो
आनंद हो जीवन की राते
आनंद हो जीवन की बाते

आनंद हो सारी  सौगाते!!

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