यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

मिट्ठू तोता

दादी माँ ने तोता पाला
करता हरदम गड़बड़ झाला
कभी किसी के नाम बिगाड़े
कभी किसी डांट लगाए
पर हरदम बस एक नाम की
वह माला है जपता 
मिट्ठू राम मिट्ठू राम 

दादी माँ ने तोता पाला 
करता हरदम गड़बड़ झाला 
जो सब बोले वही वो बोले 
करता हरदम राम - राम 
सबके संग मिलकर वह बोले 
आओ बैठो राम - राम जी 

दादी माँ ने तोता पाला 
करता हरदम गड़बड़ झाला 
दादी माँ का है वह प्यारा 
मेरी आँखों का है तारा 
गली मोहल्ले सब को भाए 
कितनी भी वह कमी निकाले।  


2 टिप्‍पणियां: