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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

शुक्रवार, 20 नवंबर 2020

तारे

छोटे - छोटे नन्हे - नन्हे
झिलमिल - झिलमिल करते तारे
आसमान में चमक रहे हैं 
जैसे चंदा के हो प्यारे 

छोटे - छोटे नन्हे - नन्हे 
झिलमिल - झिलमिल करते तारे
रात अँधेरी जब होती है 
राह दिखाते हैं  ये तारे 

छोटे - छोटे नन्हे - नन्हे 
झिलमिल - झिलमिल करते तारे
सूरज दादा जब आते हैं  
ये छूमंतर हो जाते हैं 

छोटे - छोटे नन्हे - नन्हे 
झिलमिल - झिलमिल करते तारे
कभी बादल में छुप जाते हैं तो कभी 
टीम - टीम कर गाते हैं।  

 

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