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शनिवार, 15 मई 2021

सावन की पहली बारिश

सावन की पहली बारिश में
भींगा तन - बदन हमारा
मन मोर हुआ है अब तो 
गीतों की धुन सांसों में 
रिमझिम फुहार के बीच बसी

सावन की पहली बारिश ने 
मन के तारों को छेड़ दिया 
कुछ भूले बिसरे यादों को 
मन के आँगन में खोल दिया 

हरियाली ने दस्तक देकर
 हर ओर सुहाना कर डाला 
ठंढी - ठंढी बही बयारें 
कोयल मीठी बोल रही है 

प्रकृति भी सावन के संग-संग 
अपनी खुशियां बांट रही है 
मोर - मोरनी की खुशियों में 
हम सब मिलकर गाते हैं 
सावन की पहली बारिश का 
सब आनन्द उठाते हैं।   
 

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