भारत देश हमारा
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई
सब मिल बैठे एक संग
हिंदुस्तान की धरती ऐसी
पावन पुण्य कर्म हो जैसे
प्रभू अवतार यहाँ लेते है
देव भूमि के नाम से इसकी
चर्चा होती आम
गंगा मैया स्वयं विराजे
नदियों के संगम पर मनता
तीर्थ यह पावन धाम
स्वर्ण आभूषण भरे पड़े है
मंदिर के भी पास
प्यार कि वर्षा धर्म कि चर्चा
गूंजे दशों दिशाओ में
तीर्थों की भरमार यहाँ
हर तीर्थ की छटा निराली
सबकी है फिर कथा निराली
कश्मीर हो या कन्याकुमारी
प्रभू की झलक हर ओर निराली
गोकूल की सडको पर छाए
कृष्णा कृष्णा कृष्णा
बैधनाथ धाम की नगरी में
गूंजे भोले की जयकार
राम की नगरी
अयोध्या नगरी
हिन्दुओ का है पावन धाम
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