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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

मंगलवार, 25 जुलाई 2017

वीरो की धरती

इस वीर धरा की अवनी के
छोटे से छोटे बालक की
है भीषण हुंकार यही
हम माता के गुण गाएँगे
अपना झंडा फहराएँगे

इस वीर धरा की अवनी के
छोटे से छोटे बालक की
जन्म भूमि पर बलि चढ़ाकर
सीर ऊँचा उसका करके
जन्म दिया है जिसने
हम मात्रभूमि की रक्षा कर
कर्तव्य निभाएँगे अपना

इस वीर धरा की अवनी के
छोटे से छोटे बालक की
उद्देश्य जन्म का नहीं पैसा ओर धन है
जीवन का अंतिम लक्ष्य स्वयं जीवन है
मरना है सबको एक दिन मरना है
लेकिन उद्देश्य देश का ही गौरव बनना है

मात्र भूमि को रक्षा करते ही प्राण तजना है

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