चार सौ नब्बे वर्षों के बाद
वह पावन दिन आज है आया
पावन धरती की गरिमा को
पूरा वश्व अब देखेगा
मन में खुशियां है अपार
राम नाम दिल की धरकन में
जपता मन है बारम्बार
राम की महिमा अपरम्पार
राम की नगरी राम का नाम
बना सभी का तीरथ धाम
बोल रहा है पूरा भारत
राम हमारे राम तुम्हारे
राम सभी के तारण हार
कण - कण में बसते है राम
हर धड़कन में राम ही राम।
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