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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

मंगलवार, 28 जुलाई 2020

अयोध्या के राम

आज अयोध्या मुस्कुराई 
चार सौ नब्बे वर्षों के बाद 
वह पावन दिन आज है आया 
पावन धरती की गरिमा को 
पूरा वश्व अब देखेगा 
मन में खुशियां है अपार 
राम नाम दिल की धरकन में 
जपता मन है बारम्बार 
राम की महिमा अपरम्पार 
राम की नगरी राम का नाम 
बना सभी का तीरथ धाम 
बोल रहा है पूरा भारत 
राम हमारे राम तुम्हारे 
राम सभी के तारण हार 
कण - कण में बसते है राम 
हर धड़कन में राम ही राम। 

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