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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

मंगलवार, 7 जुलाई 2020

पर्यावरण

पेड़ जब लगाओगे  पर्यावरण तभी तो बचाओगे 
प्रकृति की सोभा तुम्ही फिर बढ़ाओगे 
हर मौसम का आनंद तुम्ही फिर उठाओगे 
फूलों की महक से प्रकृति को सजाओगे 
जब खेतों में फसल लगाओगे 
जिंदगी में तभी तो खुशियां लौटाओगे 
न फिर कभी बेगानो सा ब्यवहार पाओगे 
न कंही से कोई अपमानित करके भगाएगा 
अपने घर में ही हर साल दिवाली मनाओगे 
जब तुम पर्यावरण को बचाओगे 
अपने जीवन में शांति और खुशियां फैलाओगे 
दूसरो के लिए तुम नजीर बन जाओगे 
जब धरती को माँ की तरह पूजोगे 
तब वह संतान से भी ज्यादा तुम पर प्यार बरसाएगी 
पर्यावरण बचाओगे तभी तो सुकून और चैन पाओ गे। 

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