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गुरुवार, 9 जुलाई 2020

गम

आँखों में  आंसुओं के सैलाब को बुलाएगा कौन 
गम जो सो गया है उसे जगायेगा कौन 
परछाई भी अपनी खौफ में रहती थी 
उसकाले दिन को यादों में जगायेगा कौन 
तुम मौन हो हम भी मौन है
फिर इस चुप्पी को तोड़ेगा कौन 
छोटी सी बात को दिल से लगा लोगे 
तो फिर रिस्ता निभाएगा कौन 
हमने तो मान - सम्मान की खातिर 
मौन में ही वर्षो निकाल दिए 
अब एक दिन का बड़प्पन दिखायेगा कौन 
एक अहम् तुम्हारे भीतर है 
और एक मेरे अंदर भी है 
तो इस अहम् को आखिर हरयेगा कौन 
न मैं राजी न तुम राजी 
फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखायेगा कौन 
गम जो सो गया है उसे जगायेगा कौन।  

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