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बुधवार, 1 जुलाई 2020

एक सवाल

कोरोना पर एक सवाल है 
दिल में एक ख्याल है 
क्या अब हमें ऐसे ही 
अपनी जिंदगी काटनी होगी 
मुँह पर बंधी इन पट्टियों से 
सांस घुटती हुई सी प्रतीत होती है 
जब सब कुछ अच्छा था 
लोग मिलने से डरते थे 
आज तो वक़्त ने ही 
पिंजरे में कैद कर दिया है 
दो गज की दुरी 
न बन जाए मजबूरी 
अपने ही अपनों को देखते है 
शक की निगाहों से 
पता नहीं कहाँ से कोरना लेकर आएगा 
खुद फंसेगा और मुझे भी मरवाएगा 
ऐसी रिश्तेदारी  किस काम की
जिसमे हम एक दूसरे के काम न आ सके।   

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी यह बात एकदम सटीक है । ऐसी रिश्तेदारी, ऐसी मित्रता एवं ऐसा जीवन भी किस काम का जिसमें मनुष्य मनुष्य के काम न आ सके, जिसमें सामाजिक संबंध ही खोखले हो कर रह जाएं ।

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