दिल में एक ख्याल है
क्या अब हमें ऐसे ही
अपनी जिंदगी काटनी होगी
मुँह पर बंधी इन पट्टियों से
सांस घुटती हुई सी प्रतीत होती है
जब सब कुछ अच्छा था
लोग मिलने से डरते थे
आज तो वक़्त ने ही
पिंजरे में कैद कर दिया है
दो गज की दुरी
न बन जाए मजबूरी
अपने ही अपनों को देखते है
शक की निगाहों से
पता नहीं कहाँ से कोरना लेकर आएगा
खुद फंसेगा और मुझे भी मरवाएगा
ऐसी रिश्तेदारी किस काम की
जिसमे हम एक दूसरे के काम न आ सके।
आपकी यह बात एकदम सटीक है । ऐसी रिश्तेदारी, ऐसी मित्रता एवं ऐसा जीवन भी किस काम का जिसमें मनुष्य मनुष्य के काम न आ सके, जिसमें सामाजिक संबंध ही खोखले हो कर रह जाएं ।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार !!
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