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तुम से तुम तक

इस ज़िन्दगी की गीत में  नीत नए संगीत में  हर घड़ी हर लम्हे में  मेरी साँसों में मेरी धड़कन में  हर जगह तुम साथ हो  बीते 27 वर्षों में  आदत तुम्...

गुरुवार, 16 मार्च 2017

अच्छाई

फूल से खुशबू चूडाकर
भोरों ने फैलाया नभ में
जैसे खुशबू फैलती हैं
हवा के झोंके के सहारे
वैसे ही अच्छाई अपनी
छाप पीछे छोडती हैं
सौ बुड़ाई हारती हैं
एक सच्ची जीत से
सच का जो दर्पण दिखा दे
राह भटको को दिखा दे
फूलो से खुशबू चूडाकर
ज़िन्दगी अपनी सजा ले
आंधी की रफ़्तार को भी
थाम ले विश्वास से
हर किसी को ज़िन्दगी के
मायने समझा सके
दिल से दिल को जोड़ने की
हर कला अपना सके
गम के दामन में ख़ुशी के

फूल जो बरसा सके!

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