रिश्ते नाते प्यार वफ़ा सब
ये सब तो अब सपना हैं
बँगला गाड़ी रूपये पैसे
इनसे सबको प्यार हैं आज
एक घर में दस-दस घर बनते
अजब-ग़जब संसार बना
जिससे कुछ मिलने की आशा
सबको उसी से प्यार हैं आज!
रिश्तों के आगे पैसों का
कैसा गर्म बाज़ार हुआ
जिसकी खन-खन से ख़ुशियाँ हैं
जिसके जाने से रोना हैं
अजब-ग़जब संसार की लीला
कैसा ये माहौल बना!
रिश्ते-नाते प्यार वफ़ा सब
ये तो बस पैगाम बना
अपने ही अपनों के दुःख से
कैसे अब अनजान बना
रूपये-पैसों की ताकत ने
सबको अपने बस में किया!!
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