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गुरुवार, 23 मार्च 2017

होली

सजन रे होली आई
उड़ते रंग गुलाल देख
अब मन में मस्ती छाई
गूंज रहे हैं कानो में
होली के गीत हज़ार
मन नाच रहा हैं मेरा
क्षण भर गा लूं उन गीतों को
दुखमय जीवन को बहला लूं
खुद को फाग के साथ भुला दूं!

साजन रे होली आई
मन के घावों पर रंग लगा दूं
तन को रंगों से भर दूं
जीवन रंगीन बना दूं
उड़ते रंग गुलाल देख
अब मन में मस्ती छाई!

साजन रे होली आई
उड़ते रंग गुलाल देख
अब मन में मस्ती छाई
गाँव शहर और गली मुहल्लें
सब रंगों के रंग में रंग गए
भूल बिसर कर बैर-भाव सब
गले मिल गए सब हंसी ख़ुशी!!

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