यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

शुक्रवार, 31 मार्च 2017

कोशिश

बूंद-बूंद से घट भरता हैं
नदी-नदी से सागर
जल के निर्मल जीवन-सा ही
अपना जीवन कर दो!

चंद पल अपने जीवन का सेवा में लगा दो
हजारों दुखियों के चेहरे पर मुस्कान आएगी
अनजाने डर को अपने जीवन से भगा दो
कोशिश को अपना मकसद बना लो
सफलता एक दिन द्वार खटखटाएगी!

लोग कहते हैं गैरों के लिए जीओ
मैं तो कहती हुईं सिर्फ अपने लिए जीओ
इमानदारी से अपने और अपने रिश्तों
के लिए जी के तो देखो
जिंदगी सुहावनी अपने आप बन जाएगी
जब हम खुश होंगे तो हमारे आस-पास का
माहौल खुशनुमा अपने आप बन जाएगा!

छोटी-छोटी बातों में खुशियाँ ढूँढो
बड़ी तो अपने आप मिल जायेगी
ज़िन्दगी बड़ी कीमती हैं
इसे शिद्दत से जी लो
कुछ अपने कुछ अपनों के लिए करो

बार-बार ऐसा मौका कहा आएगा!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें