सभा अब चुनावी सजा बन गई हैं
सभा जो सभी जातियों को बताती
सभा में सभी को अलग हैं बिठाती
ये तेरा इलाका, ये मेरा इलाका
तेरा जोड़ चल जाए तो वो जीतेगा
मेरा जोड़ चल जाए तो वो जीतेगा
गणित ये तभी फल सकेगा हमारा
जो जाति की जाती से होगी लड़ाई
इनकी लड़ाई में मेरी भलाई
सभी कुछ नया हो, नए रंग में हो
जनता हो जिससे भ्रमित हर तरफ से!
सभा अब चुनावी सजा बन गई हैं
जनता भी अब तो सजक हो गई है
चमक खो बिखर हैं रहा हित हमारा
उजड़ हैं रहा प्रेम मंदिर हमारा
इसे अब सवारे, सबक अब सिखाओ
ये नेता हमारे इन्हें अब सिखाओं
नहीं अब चलेगी बनावट की बातें
हमें चाहिए पूरा हक़ अब हमारा
सभा अब चुनावी सजा बन गई हैं!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें