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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

गुरुवार, 18 जून 2020

मैं रो नहीं सकता

मेरी आँखों में आंसू  है, मगर मैं रो नहीं सकता 
गमो के लाख सागर हो , मगर मैं खो नहीं सकता 
है दिल में आरजू जितनी , सभी जीना जरूरी है 
सभी जख्मों को उन , मधुर सपनो से सींचेंगे 

मेरी आँखों में आंसू  है, मगर मैं रो नहीं सकता 
हँसी लोगों को आती है , हमारे मुश्किलों पर 
कहाँ उनको पता हमने , सबक इनसे ही सीखा है 
कभी हम भी अनाड़ी थे , मगर अब तो खिलाड़ी है 

मेरी आँखों में  आंसू  है, मगर मैं रो नहीं सकता 
जुबां खामोश है पर दिल में , तूफानों सी बारिश है 
आंसू और गम है साथ -साथ , राहों में कांटें है हजार 
पर मंजिल को पाने की , है मुझमे हिम्मत अपार 

मेरी आँखों में  आंसू  है, मगर मैं रो नहीं सकता 
जिया तूफ़ान में हरदम , अभी यूँ मर नहीं सकता 
चलना हमारा काम है , मैं रूक नहीं सकता 
मेरी आँखों में  आंसू  है, मगर मैं रो नहीं सकता।  

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