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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

सोमवार, 13 जुलाई 2020

जिंदगी एक किताब

काश जिंदगी एक किताब होती 
हम खोलकर उसे पढ़ पाते 
आने वाले गम की आहट को 
पहले ही भांप जाते 
चाँद खूबसूरत पंक्तियाँ 
हम उसमे जोड़ पाते 

काश जिंदगी एक किताब होती 
अपने सुनहरे भविष्य के लिए 
कुछ तो सलग केर पाते 
कुछ खाली पन्नो में रंग ही भर पाते 
अपने जीवन के कड़वी सच्चाई को 
खुद से पढ़ पाते 
काश जिंदगी एक किताब होती 


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