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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

छोटा बच्चा

जब मैं छोटा बच्चा था
मन से पूरा  सच्चा था
सबके लिए मैं अच्छा था
भोला - भाला  गोल - मटोल 
हँसता मैं हरदम मुँह खोल

जब मैं छोटा बच्चा था 
मन से पूरा  सच्चा था
घड़ी- घड़ी पानी मैं  डालूं 
सर पर मिट्टी डालकर आऊं
लोटपोट होकर सब हँसते

जब मैं छोटा बच्चा था 
मन से पूरा  सच्चा था 
जब कोई स्कूल की कहता 
रो - रोकर मैं गिरता -पड़ता 

जब मैं छोटा बच्चा था 
बड़ा कान का कच्चा था 
मन से पूरा सच्चा था 
कुछ भी था पर अच्छा था। 

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