वक्त से वक्त को
वक्त पर आज भी
वक्त कि हर निशा
वक्त हैं पर जवां
वक्त पर जोर अबतक न
किसी का चला
वक्त कि राह में
वक्त कि चाह में.
वक्त थोड़ा हुआ वक्त
कि प्यास में
वक्त उनका नहीं वक्त
के जो नहीं
वक्त मौका नहीं
दूसरा देता हैं
वक्त को जान लो उसको
पहचान लो.
वक्त की मार से हैं
सभी कोई दुखी
वक्त तेरा नहीं
वक्त मेरा नहीं
वक्त को वक्त से
आज पहचान लो.
वक्त की कीमतों को
तू अब जान ले
वक्त भगवान हैं,
वक्त पैसा भी हैं
वक्त का सारा हैं
खेल दुनिया में तो
वक्त की क़द्र हमसे
हुई क्यों नहीं
हम पिछड़ते गए लोग
बढ़ते गए
वो विकिसित हुए हम
पड़े राह में
अब तो संभलो ज़रा
वक्त की चाह में
वक्त अपना न अब तुम
गवाया करो
जो हुआ सो हुआ
अब चलो दौड़ कर.
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