यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

शिक्षा

शिक्षा,  शिक्षित,  और शैक्षणिक संस्थान  ये सब आपस में ऐसे जुड़े है  जैसे एक माँ से बच्चे के हृदय के तार  जो दिखाई कभी नहीं देता  पर बच्चों के...

शनिवार, 24 जून 2017

आचरण

कोयला होत न उजला
सौ मन साबून खाए
यह मन निर्मल होए जब
संत संगति को पाए

पूरे जग को रौशनी
दीपक देकर जाए
खुद के तले अंधेरा है
वर्षो बरस बीत है जाए

कोयला होत न उजला
सौ मन साबून खाए
राजनीति के गलीयारो में
सब कुछ काला होए

ज्ञान की गंगा बहाकर
अंधकार तुम दूर करो
वक्त आज वो आ गया है
हर घर में विद्या ज्योति जलाओ

मन के अंधकार को दूर कर
जग को प्रकाश पूंज से भर दो
हर घर में रौशनी हो नई उम्मीद का दीया

हर घर से गुज़रे ये ज्ञान की गंगा!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें