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गुरुवार, 1 जून 2017

तस्वीर

मैं सोचता हूं तुमसे
मैं बात क्यों करूँ
तुम अच्छी नहीं हो लड़की
फिर साथ क्यूँ चलूँ
तस्वीर में थी जैसी
बस उसके हो उलट
फिर बात क्यों करूँ
दिल तोड़ा तुमने मेरा
चाहत से मुँह जो मेरा
मैं सोचता हूं तुमसे
अपने प्यार का इज़हार क्यों करूँ
मैं सोचता हूं तुमसे
जज़्बात क्यों भरूँ
तस्वीर हो तुम मेरी
तस्वीर ही रहो
यूँ सामने न आना
तुम मुझको न डराना
चाहत का हैं तराना
ये दिल का हैं फ़साना
अपनों से हैं बहाना
कुछ ख़ास हैं ज़माना
चाहत का हैं दीवाना
तस्वीर में मिली थी
तस्वीर में सजी हो
कब आओगी मेरे सामने
कुछ ख़ास हो अदाए
ऐसा हैं तुमको करना
मैं सोचता हूं फिर मैं
तुझे प्यार ही करूँ
तुझे दिल में में वो जगह दूँ
जो रखा हैं बचा के
किसी खास के लिए
दिलबर जो तुम बनोगी
मेरे साथ यूँ चलोगी
लिखूंगा फिर मैं एक तराना
जो खूब हो सुहाना!!

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