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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

बुधवार, 28 जून 2017

मुश्किल

उन्हें खोना भी मुश्किल
उन्हें पाना भी मुश्किल
जीवन की जंग से लड़ पाना भी मुश्किल
खोखली यादों के
सहारे चलना भी मुश्किल
गीत यादों के गुनगुनाते हैं
अश्क आँखों से छलक जाते हैं
मोती बनकर गालों पर
लुढ़क जाते हैं
नें भीगे हैं हरदम
दिल में एक तरप बाकी हैं
जीना उनके बगैर
यह अपने लिए कहना भी मुश्किल
सोच कर ही डर लगता हैं
काश वो दिन सामने आ जाए
तो उनसे गुज़र कर
निकल पाना भी मुश्किल
खुदा अपनी इबादत
हम पर बनाए रखना
जीवन थोड़ी मुश्किल ही सही
खुशियों की झड़ी लगाए रखना!!

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